हिंदू धर्म में मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। सावन के हर सोमवार के दिन श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ करने से हर मनोकामना पूरी होती है। <br /><br />Lyrics:<br />नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।<br />निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥<br /> <br />निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।<br />करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥<br /> <br />तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।<br />स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥<br /> <br />चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।<br />मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥<br /> <br />प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।<br />त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥<br /> <br />कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।<br />चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥<br /> <br />न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।<br />न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥<br /> <br />न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।<br />जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥